Monday 27 February 2017

LAST Life Changing Seminar - By Sandeep Maheshwari I(+919829346447) India's No.1 (love problem solution )

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क्यों हम अपने पिछले जन्म को याद नहीं रख पाते?
यादें
क्या आपको याद है कि आपने आज सुभा नाश्ते में क्या खाया था? कल रात को आपने खाने के बाद मीठे में क्या लिया था? रात में टीवी पर कौन सा प्रोग्राम देखा था? बीते कल आपने किस रंग के कपड़े पहने थे? क्या आपको याद है कि पिछले हफ्ते आपने अपने किस दोस्त को फोन किया था? यदि आपको इन सभी सवालों के सही जवाब पता है तो हम आपकी याद्दाश्त को सलाम करते हैं?
2. कितनी तेज़ है आपकी याद्दाश्त?
कितनी तेज़ है आपकी याद्दाश्त?
लेकिन कुछ ऐसी बातें हैं जो आप चाहकर भी याद नहीं रख पाते। नहीं... यह बातें आज, कल या बीते हुए दिनों-महीनों की नहीं है। दरअसल हम आपके पिछले जन्म की बात कर रहे हैं। आप मानें या ना मानें, लेकिन अब तो साइंस ने भी इंसान के पिछले जन्म की बात को सच माना है।
3. मनुष्य योनि
मनुष्य योनि
एक व्यक्ति विभिन्न योनियों को पार करके मनुष्य योनि में जन्म लेता है, धार्मिक शास्त्रों में मनुष्य योनि ऐसी योनि है जिसे सर्वश्रेष्ठ माना गया है। कहते हैं कि मनुष्य रूप में जन्म लेकर ही इंसान खुद को जन्म-मरण के चक्र से मुक्त कर सकता है। खुद को ईश्वर को समर्पित करके वह मोक्ष की प्राप्ति कर सकता है, लेकिन मोह-माया में फंसा मनुष्य अपने इस योनि में आने के मकसद को भूल जाता है।
4. पिछला जन्म
पिछला जन्म
लेकिन यह बातें ना तो हमारे सवाल का जवाब हैं और ना ही हमारा असली मुद्दा। सवाल तो यह है कि क्या आप अपने पिछले जन्म की किसी भी बात से वाकिफ़ हैं? क्या आपको कुछ भी याद है? आपने किस योनि में जन्म लिया था, जीवन भर क्या किया, या ऐसा कुछ भी याद है जो आपके पिछले जन्म से जुड़ा हो?
5. क्यों याद नहीं रहता?
क्यों याद नहीं रहता?
99 प्रतिशत लोगों का जवाब नहीं में ही होगा.... क्योंकि विज्ञान का भी यही मानना है कि पिछले जन्म की बातों को याद रख पाना नामुमकिन-सा है। वैज्ञानिकों की मानें तो कैमिकल ऑसीटॉसिन नामक एक चीज़ जो गर्भधारण या फिर एक गर्भवति महिला से जुड़ी होती है, यह वस्तु गर्भधारण के समय ही मां के गर्भ में निकल जाती है।
6. क्या है कारण?
क्या है कारण?
यदि यह तत्व शिशु के साथ ही मां के गर्भ से बाहर आए तो वह अपने पिछले जन्म की सभी बातों को साफ-साफ याद रख सकता है। इसके बाद पिछले जन्म की यादों को भूल जाने की तीसरा कारण प्राकृति से जुड़ा है, जिसके अनुसार यह के मानसिक बात है कि हम पिछले जन्म की बातों को भूल जाते हैं क्योंकि मनुष्य का दिमाग बुरी बातों को भूलने के लिए बना है।
7. पिछले जन्म का दर्द
पिछले जन्म का दर्द
दर्द और बुराई जितनी जल्दी दिमाग से निकल जाए अच्छा रहता है। उदाहरण के लिए यदि पिछले जन्म में किसी की मृत्यु सड़क दुर्घटना से हुई हो और यह बात उसे अगले जन्म में भी याद रहे तो वह सारी ज़िंदगी ऐसी दुर्घटना ना हो इस खौफ़ में जीता रहेगा।
8. प्राकृति का नियम
प्राकृति का नियम
इसलिए बेहतर है कि प्राकृति उससे उसके पिछले जन्म की यादों को छीन लेती है। लेकिन कुछ लोग ऐसे होते हैं जिन्हें अपने पिछले जन्म की बातें याद रहती हैं। वे कहां रहते थे, उनका क्या नाम था, उनके माता-पिता कौन थे, उन्हें यह याद आ जाता है।
9. विभिन्न शोध
विभिन्न शोध
विशेषज्ञों के अनुसार इस बात पर भी विभिन्न शोध किए गए कि आखिर वे लोग जिन्हें अपने पिछला जन्म बिल्कुल भी याद नहीं रहता वे उनसे कैसे अलग हैं जिन्हें पिछले जन्म की बातें याद आ जाती हैं। दोनों में क्या अंतर है यह जानने के लिए शोधकर्ताओं ने कई शोध किए और फिर कुछ नतीजों पर पहुंचे।
10. और जिन्हें याद रहता है...
और जिन्हें याद रहता है...
शोधकर्ताओं के अनुसार यह सारा खेल ‘कर्मों’ का है.... उस विशेष आत्मा के कर्म उसे उसके पिछले जन्म की ओर खींचकर ले जाते हैं। उनके उन जन्म में कुछ तो ऐसा हुआ होता है जो उन्हें अगले जन्म तक भी उन बातों को भूलने नहीं देता। और यह वाक्या लाखों-करोड़ों में से एक-दो लोगों के साथ ही होता है।
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पैरों की बनावट से लगाएं भविष्य का अनुमान:-
1.मनुष्य का शरीर अद्भुत है, वह उसकी फितरत, उसके स्वभाव से जुड़ी कोई भी बात छिपाता नहीं है। आप क्या सोचते हैं, आपका चरित्र और व्यक्तित्व कैसा है, ये सब बातें आपका शरीर बड़ी ही आसानी से दूसरों को बताता है। सामुद्रिक शास्त्र के साथ-साथ अब तो कई वैज्ञानिक विश्लेषण भी होने लगे हैं, जिनके आधार पर शारीरिक अंगों का आंकलन कर इंसान के स्वभाव तक पहुंचने के दंभ भरे जाते हैं।
2. समुद्र शास्त्र
समुद्र शास्त्र
खैर ये वैज्ञानिक आंकलन कितने प्रामाणिक होते हैं यह बात तो हम पुख्ता तौर पर नहीं कह सकते लेकिन सामुद्रिक शास्त्र जो भारत की प्राचीनतम विद्याओं में से एक है, जिसकी स्थापनाएं वर्षों के अध्ययन पर जुड़ी हैं, पर भरोसा करने के अलावा हमारे पास दूसरा कोई ऑप्शन भी नहीं है।
3. अंगों की बनावट
अंगों की बनावट
खैर हम आपको ये तो बता ही चुके हैं कि आपकी आंखें, आपकी भौंहे और आपके शरीर के अन्य अंग आपके विषय में क्या कहते हैं। यूं तो प्रकृति ने व्यक्ति के शारीरिक आकार के अनुसार ही उसके शरीर के अंगों की बनावट की है। किसी के कान लंबे होते हैं फिर भी उसके शरीर के साथ मेल खाते हैं तो किसी की छोटी आंखें ही खूबसूरत लगती हैं। किसी के भूरे बाल उनकी स्किन टोन पर सूट करते हैं तो किसी के ऊपर सिर्फ काले बाल ही जंचते हैं। सभी की अपनी-अपनी विशेषता और खूबियां होती हैं।
4. पैरों की आकृति
पैरों की आकृति
आज हम आपको बताएंगे कि आपके पैरों की बनावट आपके चरित्र की कौन सी विशेषता को दर्शाती है।
5. चौड़े पैर वाले लोग
चौड़े पैर वाले लोग
अगर आपके पैर ज्यादा चौड़े हैं तो यह इस बात का सूचक है कि आपका नाम मेहनती लोगों की सूची में शुमार है। आप उन लोगों में से हैं जो एक मिनट भी खाली बैठना पसंद नहीं करते। इतना ही नहीं आपको वो लोग बिल्कुल पसंद नहीं आते जो सिर्फ बातें करने में विश्वास रखते हैं और काम करने से हिचकिचाते हैं।
6. छोटे पैर
छोटे पैर
छोटे पैर वाले लोग यह पसंद करते हैं कि लोग उनके आसपास घूमें। इन्हें अपने जीवन में सिर्फ और सिर्फ अच्छी और सुंदर वस्तुओं का ही शौक है। लोगों के सामने आने में हिचकने वाले ये लोग दूर रहकर भी खुद को प्रभावी रखते हैं।
7. उठाव वाले पैर
उठाव वाले पैर
 जिन लोगों के पैर सपाट ना होकर उठाव वाले होते हैं अर्थात पैरों के नीचे का स्थान समतल नहीं बल्कि धनुष के आकार में होता है वे लोग काफी बौद्धिक और स्वप्नशील होते हैं। इन्हें दिन में सपने देखने का शौक होता हैं और साथ ही बहुत ही कम उम्र में ये लोग जीवन से संतुष्ट होने लग जाते हैं।
8. सपाट पैर
सपाट पैर
 इसके विपरीत जिन लोगों के पैर काफी हद तक फ्लैट या सपाट होते हैं वे लोग दूसरों की कंपनी में आनंद ढूंढ़ते हैं। इन्हें यथार्थ में रहना पसंद होता है। ये लोग खुद को सपने देखने की पूरी छूट भी देते हैं।
9. गद्देदार पैर
गद्देदार पैर
जिन लोगों के पैर गद्देदार, जिन्हें देखकर सूजन का एहसास हो, होते हैं वे लोग आसानी से अपनी बात नहीं कह पाते। ऐसे इंसान अपनी भावनाएं आसानी से किसी को नहीं कहते, जिसकी वजह से अंदर ही अंदर परेशान होते रहते हैं।
10. फटे हुए पैर
फटे हुए पैर
जिन लोगों के पांव हमेशा फटे रहते हैं, एड़ियों से लेकर पैर की अंगुलियां तक क्रैक रहती हैं ऐसे लोग अपने जीवन में कभी भी कोई निर्णय नहीं ले पाते। इसके अलावा ये लोग इस बात के लिए भी कभी आश्वस्त नहीं होते कि उन्हें जीवन में किस राह पर जाना चाहिए।
11. पांव की अंगुलियां
पांव की अंगुलियां
जिस तरह आपके पांव आपके व्यक्तित्व के राज खोलते हैं उसी तरह आपके पैरों की अंगुलियां भी बहुत कुछ बताती हैं। आइए जानें:
12. बड़ा अंगूठा
बड़ा अंगूठा
अगर आपके पांव का अंगूठा ज्यादा बड़ा है तो ऐसे लोग अपने व्यवसाय में सफल होने के लिए कुछ भी कर सकते हैं। आपकी ज्यादातर बातों का वास्तविकता से कोई वास्ता नहीं होता इसलिए लोग आप के ऊपर ज्यादा भरोसा नहीं करते।
13. छोटा अंगूठा
छोटा अंगूठा
अगर आपके पैर का अंगूठा, आपकी बाकी अंगुलियों के मुकाबले छोटा है तो ऐसे लोग बिल्कुल भी भरोसेमंद नहीं होते। अगर आपका अंगूठा आपकी अंगुलियों से काफी दूरी पर है, तो यह इस बात को दर्शाता है कि आप जैसे दिखते हैं वैसे हैं नहीं, आप अपने भीतर बहुत सी बातों को छिपाकर रखते हैं।
14. तर्जनी अंगुली
तर्जनी अंगुली
अगर आपकी तर्जनी अंगुली, आपके अंगूठे से बड़ी है तो इसका अर्थ है कि आपका दृष्टिकोण काफी हद तक क्लियर है। आप विस्तृत सोच रखते हैं और साथ ही किसी दूसरे के नेतृत्व में काम नहीं कर सकते। लेकिन अगर आपकी तर्जनी अंगुली छोटी है तो यह इस बात की ओर इशारा करता है कि आप ऋण के बोझ तले दबे हुए हैं, छोटी तर्जनी अंगुली का मतलब है कि बढ़ती उम्र के साथ-साथ आपके धनवान बनने के योग हैं।
15. दबी हुई अंगुलियां
दबी हुई अंगुलियां
अगर आपकी अंगुलियां एक-दूसरे में दबी हुई हैं, किसी के भी पास अपने लिए पूरा स्थान नहीं है तो ऐसे व्यक्ति कभी भी दूसरे पर भरोसा नहीं कर पाते। इनके लिए सबसे मुश्किल काम ही किसी अन्य व्यक्ति पर विश्वास करना है, इसलिए ये चीजों को ऐसे ही जाने देते हैं।
16. अंगुलियों का झुकाव अंगूठे की तरफ
अंगुलियों का झुकाव अंगूठे की तरफ
अगर आपकी अंगुलियां, आपके अंगूठे की ओर झुकती प्रतीत होती हैं तो ऐसा व्यक्ति कभी भी अपने पास्ट या अतीत से बाहर नहीं निकल पाता। ये हमेशा ही पुरानी यादों के साये में जकड़े रहते हैं।
17. तर्जनी की ओर अंगूठे का झुकाव
तर्जनी की ओर अंगूठे का झुकाव
अगर आपका अंगूठा, आपकी तर्जनी अंगुली की ओर झुकता है तो यह इस बात को प्रमाणित करता है कि आप हमेशा जल्दी में रहते हैं। इस जल्दी की वजह से कई बार आपको परेशानी का भी सामना करना पड़ता है।
18. मुड़ा हुआ अंगूठा
मुड़ा हुआ अंगूठा
अगर आपका अंगूठा अपने में ही घुमावदार या वक्र आकार का है तो ऐसे व्यक्ति के विचार धूर्त होते हैं। ऐसे लोग काफी चालाक माने जाते हैं।
19. महत्वपूर्ण जानकारी
महत्वपूर्ण जानकारी
अब अगली बार जब आप किसी व्यक्ति से मिलें तो सबसे पहले उसके पांव और पांव की अंगुलियों पर ध्यान दें। क्या पता आपको उनके बारे में कोई महत्वपूर्ण जानकारी हाथ आ जाए।

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कानों के ये ‘ईयरलोब’ खोलते हैं व्यक्तित्व के गहरे राज:--
1. कानों का शेप
कानों का शेप
चीन में हुए एक अंतरराष्ट्रीय शोध के अनुसार हमारे कान हमारे स्वास्थ्य एवं आने वाले भविष्य के बारे में काफी कुछ बताते हैं। महज कानों को देखकर ही लाइफ के इन दो पक्षों के बारे में जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
2. अलग अलग शेप
अलग अलग शेप
हिन्दू धर्म के प्रसिद्ध शास्त्र, सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार भी यह कहा जाता है कि कानों के आकार को देखकर व्यक्ति के स्वभाव की कई बातें उजागर की जा सकती हैं। लेकिन कानों के नीचे जुड़े मांस, जिनमें महिलाएं बालियां पहनती हैं, वे भी हमारे बारे में कुछ जानकारी देते हैं।
3. जानिए क्या कहते हैं ये ईयरलोब
जानिए क्या कहते हैं ये ईयरलोब
कान के इस हिस्से को ‘लौ’ या ‘लोलकी’ कहा जाता है। अंग्रेजी में इसे ‘ईयरलोब’ कहा जाता है। इस ईयरलोब का कैसा आकार है, इसके आधार पर व्यक्तित्व का खुलासा किया जाता है।
4. जानिए क्या कहते हैं ये ईयरलोब
जानिए क्या कहते हैं ये ईयरलोब
किसी-किसी के ईयरलोब नीचे को काफी लटके होते हैं। कुछ लोगों के ये ईयरलोब काफी छोटे होते हैं। कई लोगों के ईयरलोब कान के साथ ही चिपके होते हैं। तो चलिए जानते हैं कि आपके ईयरलोब का शेप आपके बारे में क्या कहता है।
5. चेहरे से अलग-थलग ईयरलोब
चेहरे से अलग-थलग ईयरलोब
वे ईयरलोब जो कानों के साथ तो पूरी तरह से शेप में होते हैं लेकिन चेहरे के साथ इनकी त्वचा नहीं जुड़ी होती, ऐसे ईयरलोब वाले लोग स्वतंत्र मिजाज वाले होते हैं। सकारात्मक सोच एवं जोशीले होते हैं ये लोग। दुनिया से कुछ अलग करके दिखाने का जज्बा होता है इनमें।
6. चेहरे से अलग-थलग ईयरलोब
चेहरे से अलग-थलग ईयरलोब
यदि आत्म विश्वास की बात की जाए, तो यह इनमें भरपूर है। अगर इन्होंने कुछ कर दिखाने की ठान ली है, तो अंत तक इनका विश्वास कम नहीं होता। इनके इसी आत्म विश्वास की हर कोई सराहना करता है।
7. साथ में जुड़ा ईयरलोब
साथ में जुड़ा ईयरलोब
जिन लोगों के कान का ईयरलोब चेहरे की त्वचा के साथ जुड़ा होता है, वे लोग मजबूत व्यक्तित्व वाले होते हैं। लाइफ में क्या पाना है, इसे जानते हुए पूर्ण एकाग्रता से काम करते हैं ये लोग। अगर ये किसी के प्यार में पड़ जाएं, तो अंत तक साथ निभाते हैं।
8. डायमंड शेप वाला ईयरलोब
डायमंड शेप वाला ईयरलोब
जिन लोगों के कान का ईयरलोब उनके कान के साथ पूरा डायमंड शेप बनाता हो, ऐसे लोग काफी भाग्यशाली माने जाते हैं। ये लोग कलात्मक विचारों वाले होते हैं। लेकिन कई बार इनका मूड समझ पाना मुश्किल हो जाता है।
9. बड़ा लेकिन झूलता हुआ ईयरलोब
बड़ा लेकिन झूलता हुआ ईयरलोब
कई ऐसे लोग होते हैं जिनके कान के ईयरलोब का साइज काफी बड़ा होता है। जब ऐसे ईयरलोब महिलाओं के हों तो कानों में ईयररिंग पहनने के बाद भी ये ईयरलोब पूरी तरह से ढंकते नहीं हैं। ऐसे लोग 100 की गिनती में एक दो ही होते हैं।
10. बड़ा लेकिन झूलता हुआ ईयरलोब
बड़ा लेकिन झूलता हुआ ईयरलोब
लंबे और साथ ही अगर अधिक लटके हुए ईयरलोब किसी के हों, तो ऐसा व्यक्ति आध्यात्मिक होता है। इनके अंदर पूर्ण विश्वास होता है और संकल्प शक्ति भी बेहद दृढ़ होती है।
11. गोलाकार ईयरलोब
गोलाकार ईयरलोब
जिन लोगों के ईयरलोब का आकार बिल्कुल गोल होता है, ये आकर्षण प्रेमी होते हैं। ये लोग चाहते हैं कि हर कोई इनकी सुने और इनकी बात मानें। अपनी तारीफ सुनना इन्हें पसंद है। लेकिन इनका खुशमिजाज स्वभाव ही लोगों की पसंद बनता है।
12. चौड़े ईयरलोब
चौड़े ईयरलोब
आमतौर पर ये ईयरलोब कानों की तुलना में काफी छोटे शेप के होते हैं, लेकिन ऐसे लोग भी हैं जिनके ये ईयरलोब काफी चौड़े आकार के होते हैं। ये इनके मेहनती होने की निशानी है।
13. चौड़े ईयरलोब
चौड़े ईयरलोब
अगर ऐसे ईयरलोब महिलाओं के हों तो भले ही देखने में अटपटे लगते हैं, लेकिन ऐसा माना गया है कि चौड़े ईयरलोब वाली महिलाएं अपने पति के लिए भाग्यशाली होती हैं।
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Thursday 10 November 2016

पृथ्वीराज चौहान का इतिहास –

महान हिन्दू राजपूत राजा पृथ्वीराज चौहान का जन्म सन 1149 में हुआ था.
पृथ्वीराज चौहान को राय पिथौरा के नाम से भी जाना जाता था.
महाराजा अनंगपाल ने अपने नाती पृथ्वीराज चौहान को अपनी बेटी और दामाद की सहमती से दिल्ली की गद्दी का उत्तराधिकारी बनाया था.
पृथ्वीराज चौहान को दिल्ली के अंतिम हिंदू शासक के रूप में भी जाना जाता है.
इनके पिता का नाम राजा सोमेश्वर चौहान था.
इनकी माता का नाम कर्पूरी देवी था.
पृथ्वीराज ने दिल्ली का नवनिर्माण करवाया था.
वे बचपन से हीं तीरंदाजी और तलवारबाजी के शौकिन थे.
वे बहुत हीं साहसी थे, और युद्ध में माहिर थे.
पृथ्वीराज को बचपन में हीं कई बार मारने की कोशिशें की गई.
कन्नौज का राजा जयचंद्र पृथ्वीराज की उन्नति सहन नहीं कर पा रहा था, वह पृथ्वीराज का घोर शत्रु बन गया. पृथ्वीराज ने जयचंद की पुत्री संयोगिता से हीं विवाह किया.
पृथ्वीराज चौहान ने संयोगिता से प्रेम विवाह किया था.
कहा जाता है कि संयोंगिता बहुत ज्यादा सुंदर थी. पृथ्वीराज चौहान और संयोगिता की प्रेम कहानी आज भी मशहूर है.
संयोगिता ने पृथ्वीराज की वीरता के ढेरों किस्से सुने थे, वह विभिन्न मध्मों से पृथ्वीराज के बारे में जानकारी लेती रहती थी. एक बार दिल्ली से एक चित्रकार(पन्नाराय) कन्नौज आया हुआ था. उसके पास दिल्ली के सुंदर-सुंदर और पृथ्वीराज के भी कुछ दुर्लभ चित्र थे. राजकुमारी संयोगिता की सहेलियों ने संयोगिता को इसके बारे में बताया. संयोगिता ने चित्र देखे और चित्रकार से उसने वह चित्र ले लिया. चित्रकार पन्नाराय ने संयोगिता का एक मोहक चित्र बनाकर पृथ्वीराज के सामने प्रस्तुत किया. पृथ्वीराज संयोगिता की सुन्दरता पर मोहित हो गए. इस तरह से पृथ्वीराज और संयोगिता की प्रेम कहानी शुरू हुई थी.
संयोगिता के पिता जयचंद ने राजकुमारी संयोगिता के स्वयंवर में पृथ्वीराज चौहान को नहीं बुलाया था, क्योंकि पृथ्वीराज और संयोगिता एक-दूसरे से प्रेम करते थे… इस कारण पृथ्वीराज ने संयोगिता की सहमती से संयोगिता का अपहरण कर लिया और अपनी राजधानी पहुँचकर विवाह किया.
पृथ्वीराज चौहान ने अपने राज्य का विस्तार राजस्थान से हरियाणा तक किया. पृथ्वीराज ने मुस्लिम आक्रमणकारियों के खिलाफ राजपूतों को एकजुट किया था.
पृथ्वीराज चौहान ने वैसे तो अपने जीवन में कई युद्ध किये, लेकिन मोहम्मद गौरी के साथ उनके युद्ध के किस्से आज भी याद किये जाते हैं.
मोहम्मद गौरी ने 18 बार पृथ्वीराज के साथ युद्ध किया था, जिसमें 17 बार उसे पराजित होना पड़ा. अंतिम युद्ध में पृथ्वीराज चौहान की हार हुई.
पृथ्वीराज चौहान की हार के बाद पूरे भारत में मुसलमानों का शासन फ़ैल गया.
इस युद्ध के बाद मोहम्मद गौरी ने पृथ्वीराज को बंदी बना लिया, उसने पृथ्वीराज की आँखें गर्म सलाखों से फोड़ दी.
इसके बाद चन्द्रवरदाई जो पृथ्वीराज के बचपन के मित्र थे, उन्होंने पृथ्वीराज चौहान के साथ मिलकर मोहम्मद गौरी को मारने की योजना बनाई. चन्द्रवरदाई ने पृथ्वीराज के शब्दभेदी वाण चलाने के गुण की गौरी के सामने प्रशंसा की और भरे दरबार में पृथ्वीराज को वाण चलाने की अनुमति मिल गई.
उस वक्त चन्द्रवरदाई पृथ्वीराज को इन पंक्तियों “चार बांस चौबीस गज, अंगुल अष्ट प्रमाण, ता ऊपर सुल्तान है मत चूके चौहान। से बता दिया कि गौरी कहाँ बैठा हुआ है. इन पंक्तियों को सुनकर पृथ्वीराज ने गौरी को मार दिया.
इसके बाद चन्द्रवरदाई और पृथ्वीराज चौहान बंदी जीवन बिताने के बजाय एक-दूसरे को मार डाला.
जब संयोगिता ने खबर पाई, तो उसने भी अपने प्राणों का अंत कर दिया.
हिन्दू राजाओं की आपस में लड़ाई और पृथ्वीराज द्वारा पहले हीं गौरी को नहीं मार देना, पृथ्वीराज के दुखद अंत का कारण बना.
पृथ्वीराज से संबंधित घटनाओं का वर्णन चंदबरदाई द्वारा लिखी गई पृथ्वीराज रासो में मौजूद है.
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